Thursday, May 19, 2022

सुधा सिन्हा 02.07.2021 पारदर्शी बक्से की अपारदर्शिता

पारदर्शी बक्से की अपारदर्शिता सुनते आये हैं कि चमड़ा उद्योग के कारण कानपुर के आसपास के जलाशय प्रदूषित हो गये हैं और जल के साथ वायु भी अपनी शुद्धता खोती जा रही है। लेकिन अभी चर्चा में है कानपुर के बाजार की अनेक छोटी- बड़ी दूकानों के बाहर बैठाये गये पारदर्शी बक्से। आधुनिक छटा के ये बक्से दानपेटी ही हैं और उसी अर्थ में अपना काम कर रहे हैं। इन बक्सों में किस सत्कार्य केलिए पैसे जमा किये जाते हैं, इसका उत्तर हमें नहीं मिला। लगता है, दान देने वाले अधिकांश लोग भी मेरी ही तरह अनभिज्ञ हैं। * परन्तु गहन छानबीन करने वालों ने इतना तो पता लगा ही लिया कि दृष्टिगोचर पारदर्शिता के भीतर धुप्प अंधेरा है। इन पारदर्शी बक्सों के पीछे छिपी हरकतें उस जलवायु का परिचय दे रही हैं जो नितान्त राष्ट्रघाती हैं। इन बक्सों से सम्बन्धित सारी गतिविधियों के तार आतंकियों के आकाओं से जुड़े हैं।...तात्पर्य यह कि हम अपने ऊपर हमला कराने केलिए उदारतापूर्वक दान दे रहे हैं !!! इस दान-जिहाद केलिए दानयाजक और दानकर्ता बराबर के उत्तरदायी है। सुधा 9047021019

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