Saturday, May 21, 2022

सुधा सिन्हा 10.12.2021 दुष्टिकरण

दुष्टिकरण सार्वजनिक भूमि को हथिआने में लगे मियंटाओं का नमाजजिहाद बढ़ता ही जा रहा है। इसे साधारण रोग से नासूर बनाने में सरकारी तंत्र का भी योगदान है। यह गैर कानूनी धंधा जिस तरह देश की सांस्कृतिक विरासत को लूट रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। क्या यह बात मानी जा सकती है कि शासन-प्रशासन इससे अवगत नहीं है,? इतना ही नहीं, पुलिस के सिपाही तो नमाजजिहादी गुंडों को भगाने की कोशिश करने वाले राष्ट्रवादियों को ही पकड़ कर ले गये। इसका नतीजा भयावह है !!!!!!1.भारत में जिहादी मियंटाओं का मनोबल बढ़ रहा है। 2.‍ जनता सरकार को नाकाम मानने लगी है। 3. राष्ट्र की सुरक्षा का सवाल उठने लगा है।4. राष्ट्रवाद को सरकार-विरोधी माना जाता है।5. राजनैतिक वेश्यावृत्ति ही secularism बन गया है। 6. 'धर्म' की ग्लानि होने से 'महाभारत' हो रहा है। धृतराष्ट्र की भूमिका अपनाने वाली सरकार द्वारा मियंटा और उसके वोटार्थियों का दुष्टिकरण जोर पकड़ चुका है।

No comments:

Post a Comment