Sunday, May 8, 2022

ॐ सुधा सिन्हा -- उपघातक उपनिवेशी

उपघातक उपनिवेशी सुनते हैं, चर्चिल ( church + ill =चर्च के रोगी) को उसी तरह भारत पसंद नहीं आया था जैसे सूअर को स्वर्ग अच्छा नहीं लगा था। भारत को भी उस चर्च के रोगी के पिल्ले पसंद नहीं आये थे औेर भारतीय जनगण ने उन हरामखोरों को हुले-हुले करते हुए उसी तरह भगाया था जैसे देव देहरी से कुत्ते को भगाया जाता है। हालाँकि चर्च के रोग का विषाक्त संक्रमण अभी तक समाप्त नहीं हुआ है; church + ill अपने ही विष से मरणासन्न तो है लेकिन मरने के पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमार बना देना चाहता है। हाल ही में एक पुन:प्रेषित मेसेज में जस्टिस भानुमति को कहते सुना कि उन्होंने ईसू की कृपा से ही न्याय करना सीखा। अच्छी बात है। जस्टिस भानुमति से मेरा अनुरोध है कि वे अपनी इस सीख का लाभ बेचारे ईसू को दें। गलत जगह में अवतरित उस दिव्यात्मा को मार कर जो लोग दो हजार बरस से उनकी मृत देह का काला धंधा कर रहे हैं उनके विरुद्द कदम उठायें। क्या जस्टिस भानुमति मरियम के बेटे को न्याय दिला पायेंगी ? यदि नहीं, तो उन्होंने क्या सीखा ? भारत दुर्जनों का भार हटाना जानता है। और, अच्छी बात यह है कि दुर्जन अपने-आप segregated पृथ्कृत हो जाते हैं। ॐ 22.07.2020

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