Monday, May 30, 2022

सुधा सिन्हा 29.05.2022 देश में रहना : देश का होना

देश में रहना : देश का होना बहुत अंतर है देश ''में'' रहने और देश ''का'' होने में। भारत के मुसलमानों की बदकारियों के कारण पाकिस्तान बना; यानी यह सिद्ध हो गया कि हिन्दुओं के साथ मुसलमान का सह-अस्तित्व सम्भव नहीं है। इसके बावजूद मुसलमानों की हठधर्मी देखिये कि लगभग आधे की तादाद में मुसलमान भारत में ही चिपके रह गये। जब मुसलमान को अलग जमीन दे दी गयी, तब भारत में उनके रहने का क्या प्रयोजन है ? क्या उन्हें पता नहीं था कि 'हिन्दुस्तान'' में वे पसंद नहीं किये जायेंगे ? क्या उन्हें मालूम नहीं है कि उनके पूर्वज मुगलों के भय या किसी लोभ से धर्मच्युत हो गये ? क्या उनको यह बा‍त समझ में नहीं आती कि भारत का बहुसंख्यक हिन्दू गौरवशाली सनातन परम्परा का उत्तराधिकारी है, जब कि वे इसे खो चुके हैं? क्या वे नहीं जानते कि भारत की रुचिर संस्कृति औेर अशौच मुसलमानी जीवन पद्धत्ति में आसमान जमीन का अंतर है ? अगर वे यह सब नहीं जानते, तो अब भी जान कर टेंढ़ी चाल चलना छोड़ दें। पाँच हजार नकारों की भीड़ जुटा कर एक नकारा मुल्ला काँव-काँव कर रहा था। उसे लगा होगा कि हिन्दू, हिन्दुस्तान, और इसके शीर्ष नेतृत्व के विरुद्ध बोल कर वाहवाही लूट लेगा या इनका अहित कर देगा। उसकी यह हरकत रंग लायी---भारत का बहुसंख्यक हिन्दू भारत में ''रह रहे'' मुसलमानों के विरुद्ध अधिक सतर्क हो गया। सवाल उठने लगे कि जब मुसलमान केलिए अलग भूभाग चिह्नित कर दिया गया तब यह भारत विद्वेषी समुदाय किस हैसियत से यहाँ रह कर सारी सुख-सुविधायें भोग रहा है? सारा संसार जानता है कि भारत का मुसलमान राष्ट्रघाती है। अपनी बेजा हरकतों के कारण यह पूरी तरह अविश्वसनीय बन चुका है। मस्जिद बनाने के नाम पर जमीन हड़पना, हिन्दू देवस्थलों को तोडना, हिन्दू लड़कियों का शिकार करना इसका प्रमुख धंधा है। अयोग्यता, निकम्मापन इसकी पहचान है। भारतीय संस्कृति से विचलित हो चुका मुसलमान भारत को अपना देश नहीं मानता; भविष्य में यहाँ बहुसंख्यक बन कर हिन्दुत्व को समाप्त कर देने की गर्हित मंशा के साथ चार-चार बीबियों से चालीस-पचास पिल्ले पैदा कर रहा है। अत: भारत की भूमि मुसलमान नामक मानवपशु को वर्जनीय मानती है। *परमात्मा ने भारत को अवतारों की भूमि बनाया है। अवतारों के पदचिह्न भारतभूमि में अंकित हैं। भारत के कोने-कोने में पवित्र शंखध्वनि गूँजती है। सूर्य-चन्द्र-तारागणों को भारत का अंतरिक्ष कृतार्थ करता है। संसार के किसी भाग में रहें, हिन्दू भारत के प्रति प्रणत हैं। भारत और हिन्दू के बीच अन्योन्याश्रय सम्बन्ध है। ''होने'' और ''रहने'' का अंतर हिन्दू जानता है। तथास्तु। 29.05.2022

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