Thursday, May 19, 2022

सुधा सिन्हा दुहिता

दुहिता उनका फोन आया।किनका?मैं नाम नहीं बता सकती; वचनबद्ध हूँ। सर्वनाम से ही काम चलाना होगा; संज्ञा मेरे मुँह से नहीं निकलेगी।उन्होंने कहा कि मुझसे मिलना चाहते हैं। क्यों? व्यक्तिगत काम है, इसलिए जब भी मैं समय दे दूँगी, वे आ जायेंगे। मैंने समय दे दिया, लेकिन मुझे चिन्ता हो गयी अपने लिए।वे एक प्रखर राजनेता है। उनके प्रभाव की तीव्रता बिना उनसे मिले भी महसूस की जा सकती है। उनके बहुतेरे अनुयायी हैं। वे तीसरी बार भारी बहुमत से चुनाव जीत चुके हैं। उनकी राजनीति का मुख्य मुद्दा है तमिळ बनाम हिन्दी। उनका कहना है कि आजादी के पहले जिस तरह ब्रितानियों ने अपनी भाषा लाद कर तमिळ को दोयम दर्जा दिया था, उसी तरह केन्द्र सरकार सभी प्रान्तों में हिन्दी लादना चाहती है।उन्होंने युवा पीढी को तमिळ होने पर गर्व महसूस करने की सीख दी है और कहा है कि तमिळ की पुन:प्रतिष्ठा तभी सम्भव है जब अन्य भाषाओं, विशेषकर हिन्दी का बहिष्कार किया जाये। उन्होंने अपने क्षेत्र के स्कूल-कालेजों में हिन्दी पढाये जाने का घोर विरोध किया है। हिन्दी सिनेमा तक देखने की मनाही कर दी। स्वाभाविक है कि उनके अपने बाल-बच्चे हिन्दी नहीं पढ पाये हैं। उनके घर में टी वी पर ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं देखा जाता जिसमें हिन्दी का दखल हो। उनका कहना है कि तमिळ से सारे संस्कृत शब्द निकाल दिये जायें क्योंकि उनके कारण हिन्दी की बू आती है। इसीलिए मैं तनिक सशंकित हूँ।हालाँकि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे मुझे उनके अभियान का विरोधी माना जाये। पर हिन्दी की लेखिका तो हूँ ही; साथ ही हिन्दी तमिळ के बीच सौमनस्य बढाने वाला मेरा विचार तो उन तक पहुँच ही गया होगा। मैंने किसी को यह तो नहीं बताया है कि सुब्रह्मनियम् भारती की कवितायें पढकर मैं विभोर हो जाती हूँ या यह भी किसी को कहने की जरूरत मैंने महसूस नहीं की है कि तिरुकुरल की अमूल्य पंक्तियां मुझे विचार की किस ऊँचाई तक पहुँचा देती हैं। इसलिए उनके आने के पहले मैं सावधान हो गयी हूँ। उन्हें प्रभावित करने केलिए मैंने मेज पर ''सिलपदिकारम'' की मूल तमिळ प्रति रख छोडी है। आने पर उन्होंने नमस्कार किया; मैंने जब उत्तर में कहा--''वनक्कम'', तो मुस्कराने लगे। मेरा तनाव तनिक कमा। हम दोनों के बीच की वार्त्ता अग्रेजी में ही हुई। क्योंकि न वे हिन्दी बोल सकते थे और न मैं तमिल। जल्दी ही मैंने समझ लिया कि उनकी अंग्रेजी भी मुझसे कोई अधिक अच्छी नहीं है।''यह कौन पढता है?'' उनका मतलब ''सिलपदिकारम' से था।''जी, मैं ही पढने की कोशिश कर रही हूँ।'' मेरी योजना सफल होती दीखी।''आप इसे पढ लेती है?''''किसी की मदद लेनी पडती है।''मैंने विनम्रता दिखाई।''फिर भी तारीफ है।...आपको एक तकलीफ देना चाहता हूँ।'' उन्होंने असली बात पर आने में राजनैतिक क्षिप्रता दिखायी।''कहा जाये।''''मेरी एक बेटी है। उसका विवाह तय हो गया है। उसी को....उसी को हिन्दी सीखनी है; मेरा मतलब है वह हिन्दी बोलने लगे यह जरूरी हो गया है।'' बच्चों और युवा लोगों केलिए यह कोई मुश्किल काम नहीं है; सीख लेगी।लेकिन उसके पास समय कम है; चार-पाँच महीने में ही उसे बोलने आ जाना चाहिए। हो पायेगा?यह उसके सीखने पर है। भाषा सीखने में अभ्यास और समय दोनों चाहिए।वह समय देगी। जी जान लगाकर अभ्यास करेगी। मेहनती है।इतनी जल्दीबाजी क्यों?दरअसल, यह अगर हाथ से निकल गया, तो अपने समाज में उसके लिए ऐसा दूसरा लडका मुझे नहीं मिल सकेगा मैने समझा नहीं।लडके की शर्त है कि वह हिन्दी बोलना जाने।वह हिन्दी भाषी है क्या?नहीं, है तो तमिळ ही। उसके पिता फौज के अफसर रहे हैं, अभी हाल में रिटायर हुए है। उनके बच्चों की पढाई-लिखाई दिल्ली में ही हुई है। इनलोगों ने दिल्ली में ही अपना एक घर भी बना लिया है।क्या करता है आपका होने वाला जामाता?भारतीय प्रशासनिक सेवा में आ गया है।अभी प्रशिक्षण में है। विवाह असकी पोस्टिंग होने पर ही सम्पन्न होगाअच्छा।तो उसे आपके पास भेज दूँ?भेजिएकब?कल चार बजे शाम में भेज दें। लेकिन एक बात है:.. मैं रोज तो समय दे नहीं पाऊँगी। इसलिए वह अपने साथ एक कैसेट लेती आये...मैं रेकार्ड कर दूंगी; वह उसका अभ्यास करे और सप्ताह में दो दिन मेरे पास आ जाया करे।आपको लगता है इससे हो जायेगा?हो जाना चाहिएठीक है, कल भेजता हूँ उसे। इसके बाद आप जैसा जरूरी समझें, करें।जी।एक निवेदन और है....! जी?कृपाकर आप किसी को नहीं बतायेंगी..जी, नहीं बताउँगी उन्होंने दुहरा कर कहा था, अंग्रेजी में..प्लीज फारगेट माइ नेम... कृपया मेरा नाम भूल जाइये।मैंने उन्हें आश्वस्त किया; इसीलिए आपको उनका नाम नहीं बताउँगी। किसी से धोखा करना मेरे स्वभाव में नहीं है।दूसरे दिन उनकी पुत्री लजाती हुई मेरे पास हिन्दी सीखने आयी। दाक्षिणात्य लावण्य से भरी, कुशाग्र बुद्धि, सुशिक्षिता, वह हँसमुख युवती बात-की-बात में हिन्दी के सरल और कुछ संयुक्त वाक्य भी बोलने लगी।दो सप्ताह बाद उनका फोन फिर आया। मेरे प्रति कृतज्ञता जता रहे थेमेरे घर में तो आपकी ही आवाज गूंजती रहती है उनका मतलब कैसेट से था।आपकी बेटी बहुत योग्य और तीव्रबुद्धि सम्पन्न है। बडों का आशीर्वाद है.।आपने उसे बडी अच्छी शिक्षा दी है। मैं सचमुच प्रभावित थी।;लेकिन उसकी शिक्षा में जो कमी रह गयी थी, वह आपसे पूरी होनी थी।मैं तो एक माध्यम भर हूँ।लेकिन..लेकिन मुझे लग रहा है...आप एक सशक्त माध्यम है।...केवल मेरी बेटी केलिए ही नहीं...वे रुक गये... मुझे लगा ...शायद लाइन कट गया। लेकिन उन्होंने अपना गला साफ करते हुए कहा--मुझे मालूम है, आप इंटिग्रेशन की बात करती हैं...भाषाओं को लेकर...यह एक बहुत बडी बात है..वे फिर चुप हो गये। लम्बी सांस लेकर बोले--लेकिन राजनीति में बडी बातों के लिए जगह कम है। अक्का1, राजनीति में छोटी बातों को लेकर चलना होता है! मेरे पास उनको कहने लायक कोई बात नहीं थी, न बडी न छोटी।1 तमिळ में बडी बहन केलिए सम्बोधन। सुधा, 09047021019

No comments:

Post a Comment