Thursday, May 19, 2022
सुधा सिन्हा बद 08.04.2021
बद
बदनस्ल बदरुद्दीन नामक बदमाश की बदचलनी (आसाम
से आये वीडियो में) आपने भी देखी होगी; वह बदकार
अपने पंथियों को श्लेष्म-- थूक की सौगात दे रहा था।
उसका वह कुकर्म हिन्दुओं को बेहद घिनौना लगा परन्तु
अखाद्यभक्षी मुसलमानों की भेंड़-भीड़ उस मल को नेमत
मान कर चाट रही थी। शौच या किसी भी कर्म के बाद
हाथ नहीं धोने वाले मुसलमान को थूक चाटने से रोका
नहीं जा सकता। अगर आप उस बदकौम पर शुचिता का
कोई मापदंड लागू करना चाहेंगे तो भारी हंगामा मच
जायेगा; उस बदजात जमात को हरदम लगता रहता है कि
उसका रेलिजन खतरे में पड़ गया है।
*लेकिन संसार के गैरमुसलमानों का न तो कोई इरादा और
न दायित्व ही है कि कच्चे धागे से लटके-भटके उस
बदवक्त पंगुल भंगुर परपीड़क रेलिजन को बचाये रखें; वह
तो दुनिया भर में फैली एक महामारी है जिसका प्रतिरोधी
टीका vaccine परमात्मा तैयार कर चुके हैं।
सम्प्रति इस कोरोना काल में, थूक चाट कर रोग फैलाने में
लगे मुसलमानों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। और, थूक
बाँटने वाले बदरुद्दीन को तो अविलम्ब सलाखों के पीछे
धकेल देना चाहिए ।
अंतत: यही होना है। कितने दिनों तक वास्तविकता की
ओर से आँखें मूँदने का नाटक चलता रहेगा? घी निकालने
केलिए तो ऊँगली टेंढ़ी करनी ही पड़ेगी। तथास्तु।
08.04.2021 सुधा
9047021019
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