Sunday, May 22, 2022

सुधा सिन्हा 05.05.2022 आदत

आदत भारतीय बहुसंख्यक जनगण की व्यक्तिगत तथा सामाजिक आदतें सराहनीय हैं। परन्तु बिना सोचे-समझे डलबाई गयी एक आदत, छोड़नी ही होगी, अन्यथा उसका परिणाम बहुत बुरा होगा। हमें सिखाया गया है कि हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई है। परन्तु हम देखते कुछ और हैं। हिन्दुओं की इस खामख्याली का नाजायज लाभ उठा कर मुसलमान अनर्थ कर रहा है। हमारे बच्चों को नहीं बताया जाता है कि अफगानिस्तान कभी हिन्दू देश था; अब वहाँ हिन्दू का नामोनिशान नहीं है। क्या भारत भी उसी दिशा में नहीं बढ़ रहा है? जब तक हम मुसलमान को अपना मानने की आदत नहीं छोड़ेंगे, तब तक उसे राष्ट्र की पीठ में छुरा भोंकने की सुविधा मिलती रहेगी। इस पर मत जाइये कि भारत का मुसलमान कभी हिन्दू था; यह अकाट्य बात है कि वहमुसलमान बनते ही भारतमाता का शत्रु बन गया। आर्ष वचन है कि मुसलमान के कारण मानव क्रमविकास की गति अवरुद्ध हो गयी है। पशु से मनुष्य बनना विकास के बीच की एक अवस्था है; मानव को अतिमानव बनना है। इसके स्वाभाविक लय को अवरुद्ध करने केलिए अपशक्तियाँ मानव शरीर में धरती पर टिड्डी दल की तरह फैल गयीं; उनके इसी षडयंत्र का नाम मुसलमान है। सबसे पहले हमें भारत को मुसलमानमुक्त कराने का मन बना लेना है। उसके बाद कारगर योजना तैयार कर उसे कार्यान्वित करना है। परम पिता परमेश्वर हमारे साथ हैं; उनकी कृपा से प्राप्त मानवीय सामर्थ हमें सफल बनायेगा और हम परमप्रभु की आज्ञा के पालन की आदत डालेंगे। तथास्तु।

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