Saturday, May 21, 2022

सुधा सिन्हा 15.03.2022 अनिवार्य

अनिवार्य सारे तथ्यों की छान-बीन करने के बाद माननीय न्यायाधीश इस निर्णय पर पहुँचे कि मुसलमान औरतों केलिए हिजाव की कोई धार्मिक बाध्यता नहीं है। इस पर तमाम तरह की प्रतिक्रियायें आ रही हैं। मुसलमान अपनी औरतों केलिए हिजाव की अनिवार्यता पर अड़े हैं। मेरा सुझाव है कि पूरे मुसलमानी कौम केलिए हिजाव जरूरी कर देना चाहिए। उटुँग पाजामा, कद से लम्बा कुरता और खोपड़ी-टोपी मुसलमान मर्द की पहचान है; इस पर हिजाव थोपने का हमारा मकसद दूसरा है। दरअसल, मुसलमान मर्द हो या औरत, उसका चेहरा ही अशुभ होता है; ऐसा कि देखने से बना काम बिगड़ जाये। हिजाव से अपशकुन का खतरा कुछ कम जायेगा।ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। बस, मुसलमानी कौम का एक नाम ''हिजावी'' भी हो जाये। तथास्तु। ॐ

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