Sunday, May 8, 2022

ॐ सुधा सिन्हा -- संज्ञापन बदलें change the narrative 04.06.2020

संज्ञापन बदलें change the narrative बार-बार यह राजनैतिक कथन सुन कर ऊब होने लगी है -- भारत के मुसलमानों को चिन्ता करने की कोई जरूरत नहीं है !! क्या मतलब है इस कथन का ? यह विधान किसने बनाया कि हिन्दुओं के हिस्से में चिन्ता और मुसलमानों के हक में निश्चिन्ता रहे ? रूढिबद्ध संज्ञापन stereotype narrative की आदत से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। साथ ही यह संदेश देना है कि मुसलमानों को चिन्ता तो करनी ही होगी, साथ ही उन्हें अपनी चिन्ताओं का विषय बदलना होगा।* यह मत समझें कि मुसलमान को कोई चिन्ता नहीं है; वह तो दिन-रात इस सोच में डूबा रहता है कि भारत क्यों नहीं मुसलमानी देश बना। उस पर, जब से कश्मीर धारा 370 के चक्रचाल से निकल गया तब से हिन्दू मूल के भारतीय मुसलमान का रक्तचाप बढता ही जा रहा है। और, श्रीराम मंदिर निर्माण पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद तो भारत से लेकर पाकिस्तान तक का बाबरजादा मुसलमान उस शापग्रस्त साँप की तरह तडप रहा है जो अपने ही विष की आँच से झुलसने को मजबूर हो जा‍ता है। अपने वास्तविक पूर्वजों के प्रति मुसलमान जितना ‍संवेदनहीन है, संतान के प्रति भी उतना ही बदकार है। आज के भारतीय मुसलमान के दादा- परदादा के गले पर छुरी रख कर कलमा पढाया गया इसका अनलिखा इतिहास सर्वविदित है। खून का घूंट पीकर जो मुसलमान बनने को मजबूर हुआ, उसका वंशज स्वयं तो अपने पूर्व पुरुषों को प्रताडित करने वाले दरिंदों का गुलाम बना ही हुआ है, तावडतोड गुलाम भी पैदा करता जा रहा है। सारे संसार उजाले बाँट दो 2 में मुसलमान नामक सम्प्रदाय ने मानव शरीर में दानव तैयार करने का कारखाना बैठा रखा है। * भारत का मुसलमान चिन्ता करे-यह होगा बदला हुआ narrative। भारत की सीमा के अंदर रह कर भारतीय सनातन संस्कृति औेर हिन्दुत्व हनन को अपना रेलिजन मानने वाले मुसलमान को अपने अस्तित्व पर खतरे की चिन्ता करनी होगी। भारत की बरबादी की दुआ माँगने वाले मुसलमान को जेल जाने केलिए तैयार रहना होगा। संसार भर में फैले आतंकियों का होस्ट बनने की भूल करने वाला भारतीय मुसलमान भारत के कानून से बचने की उम्मीद न करे। दिमाग इस्तेमाल करने की चीज है, यह समझे। अपने औकात से बाहर निकलने की कुचेष्टा करना मुसलमान केलिए खतरनाक होगा। वह याद रखे कि अगर ''अब्दुल कलाम'' बनेगा तो भारतमाता उसे अपना सम्मानित पुत्र मान कर राष्ट्रपति के पद पर बैठा सकती हैं। परन्तु यदि वह राष्ट्रघाती अफजलगुरू बनेगा तो फाँसी के फंदे से नहीं बचेगा। * भारत सरकार समान आचार संहिता लागू कर मुसलमानों की बदचलनी पर कानूनी रोक लगाये। ॐ04.06.2020 सुधा 9047021019

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