Thursday, May 19, 2022

सुधा सिन्हा चक्रचाल में फँसा पांडिचेरी 15.09.2020

सुधा सिंहा (लेखिका) Speed Post‍ जन्म तिथि 21.11.1933 माँ ! मै वही लिखूं जो तू मुझसे लिखवाना चाहती हो'' दिनांक 15.09.2020 --खुली चिट्ठी-- 20,अम्बलत्ताडुअय्यर मडम स्ट्रीट-605001 दूरभाष 0413 2339948 चलन्त 09047021019. अणुडाक sudha pondy33@gmail.com सेवा मेंश्रीमान नरेन्द्र भाई मोदी, प्रधानमंत्री- भारत, 7 लोककल्याण मार्ग,नयी दिल्ली--110101 संदर्भ : चक्रचाल में फँसा पांडिचेरी ( पुदु--नया; चेरी--लघु जनक्षेत्र) माननीय प्रधानमंत्री जी,विनम्रता के साथ पांडिचेरी की वर्तमान स्थिति से अवगत कराने की अनुमति चाह‍ती हूँ। उदधि तीर पर बसा यह नगर प्राचीन काल से ही सुरुचिसम्पन्न गौरवपूर्ण आध्यात्मिक परम्परा का धनी रहा है। स्वच्छ, हरा-भरा, सद्भावी होने के साथ यह नगर crime free था। परन्तु पिछले कुछ समय से इसकी प्रतिष्ठा घूमिल हो रही है। रख-रखाव, पर्यावरण तथा सामाजिक सद्भाव के प्रति उदासीनता के साथ असुरक्षा ने भी इसे नाहक घेर लिया है। यहाँ का जनगण इनसे मुक्त होकर पुन: अपना वास्तविक स्वरूप उपलब्ध करने को अकुला रहा है। *वर्तमान मुख्यमंत्री तथा उपराज्यपाल का वैमनस्य एक रूटीन है। ऐसे में शासन-प्रशासन को बेहाल होना ही है। पांडिचेरी की सुकुमार सौम्यता दोनों के कारण आहत हुई है। मुख्यमंत्री टिपिकल कांग्रेसी हैं। उनके कार्यालय की दीवार पर जो जबाहरी फोटो प्रदर्शनी है, पांडिचेरी को उसी का मटमैला फलक बनाने तक उनकी निष्ठा सीमित है। अप्रासंगिक होते कांग्रेस के साथ पांडिचेरी भी अप्रासंगिक बन जाये तो बन जाये-- 'परवा इल्ले'। और, उपराज्यपाल ने पांडिचेरी को खोटी करेंसी मान कर अपना सिक्का जमाने की कोशिश की। पद भार सँभालते ही सौन्दर्यीकरण के नाम पर तोड़-फोड़-लूट-पाट का उत्पात मचा दिया जिसके विरूद्ध कोर्ट में गुहार लगानी पडी। आज मुंबई में सरकारी सह पर जैसे BMC पागल हो रहा है, वैसे ही उपराज्यपाल के अविचारित 'भडकीले' आदेश पर पांडिचेरी नगरपालिका ने अपने कर्तव्य कर्म को इस तरह ताक पर रख दिया है कि 'सैंया भये कोतवाल, अब डर काहे का' ? पांडिचेरी को इन दोनों के प्रकोप से बचा कर सुरक्षित निकालना आवश्यक है। कृपया। 15.09.2020 विश्वसनीया, सुधा सिंहा

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