Thursday, May 19, 2022

सुधा सिन्हा 30.04.2021 राष्ट्रद्रोही

राष्ट्रद्रोही कांग्रेसी पी.चिदम्बरम में वे सारे अवगुण हैं जो चकलों के उल्लू दलालों में पाये जाते हैं। भडुओं का व्यापार है राह चलते सामान्य जन को उकसाना; उसका धन-तन-मन सहित मान हरने केलिए उसे लफंगा बनाने की कुचेष्टा करना। यही चकला-चक्र भारत के जनगण पर चिदम्बरम चलाना चाह रहा है। एक समय, चिदम्बरम की हीनताओं पर मुग्ध होकर कांग्रेसी कसबासाजों ने इसे देश का वित्त मंत्री और गृहमंत्री तक बना दिया था; कांग्रेसी पापकर्म को जारी रखने में इस अर्धपशु ने अपनी ओर से कुछ उठा नहीं रखा। दरअसल, ब्रितानियों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से डर कर कांग्रेस की स्थापना की थी। इसका प्रयोजन था भारत को दुर्बल, गरीब, अयोग्य और बदचलन बनाये रखना; तब से अब तक लगातार कांग्रेस इसी दुर्नीति पर रपटता आ रहा है। प्रारंभिक दौर में भारत के अनेक महान नेता, इस ब्रितानी षड़यंत्र को समझ कर सावधान हो गये थे। और, कालान्तर में तो भारत के बहुसंख्यक जनगण की सम्मिलित सूक्ष्म बोधयुक्त प्रक्षालण क्षमता ने कांग्रेस को कूडापेटी में डाल ही दिया। सच्चरित्र नर-नारी को देख चकले का दलाल निराश होता है, वैसे ही प्रगतिशील भारत पी.चिदम्बरम को हताश कर रहा है। उसे फिर जेल बुलाने लगा है; अराजकता फैलाने के उसके असफल कुचाल के पीछे यह अदृश्यतथ्य भी काम कर रहा है। तथास्तु। सुधा 9047021019

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